Wednesday, August 12, 2015

आज की बात: 'अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस' - 'हमें रोजगार चाहिए'

                                     - मिलन  सिन्हा 
'अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस' के मौके पर  देश -विदेश के सभी युवाओं को हार्दिक शुभकामनाएं ! पढ़ें आगे ....  

....कहना न होगा, किसी देश का भविष्य तभी बेहतर हो सकता है, जब उस देश के युवाओं को बेहतर शिक्षा, ज्ञान , कौशल आदि  के आधार पर सहज व उपयुक्त  रोजगार उपलब्ध हों । लेकिन क्या हम अपने युवाओं के लिए ऐसा करना चाहते हैं और वाकई कर भी रहे हैं? आइये, देखें वस्तुस्थिति क्या है ?

हमारा देश विश्व का सबसे युवा देश  है । भारत दुनिया का ऐसा देश है, जहां युवाओं की संख्या सबसे अधिक है ।  2011 की जनगणना के अनुसार 15 से 29 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं के संख्या 33 करोड़ है, जो देश के कुल आबादी का 27.5 % है ।

गौरतलब  है कि जहां भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी रहती है , वहीँ यह भी एक कड़वा सच  है कि दुनिया में सबसे अधिक बेरोजगार युवा भी हमारे देश में हैं । इससे भी अधिक चिंताजनक विषय यह है कि युवाओं में जैसे-जैसे शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है,  वैसे- वैसे ही बेरोजगारी की दर भी बढ़ रही है ।

 बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े एवं  राजनीतिक रूप से ज्यादा संवेदनशील, लेकिन औद्योगिक रूप से पिछड़ते जा रहे  राज्यों में यह स्थिति और भी गंभीर है ।  फिर भी क्या इन प्रदेशों के राजनेताओं को वाकई इसकी चिंता है ?

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण  संगठन द्वारा वर्ष 2009-10 के आंकड़ों के आधार पर जारी रपट के मुताबिक   ग्रामीण क्षेत्र के स्नातक डिग्रीधारी लड़कों  में बेरोजगारी दर 16.6 % और लड़कियों में 30.4 % रही । शहरी क्षेत्रों के ऐसे युवकों में यह  दर 13.8 % और युवतियों में 24.7 % दर्ज की गई । सेकेंडरी लेवल के सर्टिफिकेट धारक  ग्रामीण इलाके के युवकों में बेरोजगारी दर 5 % और लड़कियों  में करीब 7 %   रही, जबकि शहरी क्षेत्रों के युवकों में बेरोजगारी दर 5.9 % और महिलाओं में 20.5 % पाई गई ।

बहरहाल आशा करते हैं, 'जी डी पी' ग्रोथ के साथ रोजगार के अवसर में आने वाले महीनों में उत्साहवर्धक सुधार होंगे .

                  और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं

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