Tuesday, March 5, 2013

आज की कविता : प्रशासन और दु:शासन

                                                   - मिलन सिन्हा
प्रशासन  और दु:शासन

जनता आज
द्रौपदी बन गयी है
पांडवों  की ईमानदारी
कल की बात हो गयी है
कृष्ण का अता-पता नहीं
गलत को ही लोग
कह रहे हैं सही
द्रौपदी का है बुरा हाल
फैला है चारों ओर
छल -प्रपंच का जाल
प्रशासन के कारनामे
हैं  कमाल, बेमिसाल
दु:शासन का 
बढ़ रहा अत्याचार
जिधर देखो, मिलेगा
उसी के चाटुकार
और उसी का दलाल  
हो रहा है वह निरंतर 
निरंकुश एवं मालामाल !

प्रवक्ता .कॉम पर प्रकाशित 
                               
                                                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते असीम शुभकामनाएं                 

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