Saturday, December 22, 2012

व्यंग्य कविताएं : हैरानी , चार फ़िल्में

                                   - मिलन सिन्हा
हैरानी
शाम को अचानक
नौकर  कहीं चला गया
मालिक इस बात से
कुछ  परेशान हो गया
लेकिन, कुछ देर बाद जब
मालिक अपनी बीबी के साथ
सिनेमा  हाल  में गया
तो यह देख कर
बिल्कुल  हैरान रह गया
कि नौकर उनके बगल में बैठा था
और  बड़े  इत्मीनान से  फिल्म
'साहब, बीबी और गुलाम ' देख रहा था !

चार  फ़िल्में
एक सिनेमा हाल में
एक के बाद एक  हुआ
चार फिल्मों का  प्रदर्शन
'आक्रोश', 'आन्दोलन',
'क्रांति' और 'अमन' !

                      और भी बातें करेंगे, चलते-चलते असीम शुभकामनाएं

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